विवरण
उत्पाद सामग्री: कात्यायनी जिंक ईडीटीए 12% चीलेटेड माइक्रोन्यूट्रिएंट खाद
कात्यायनी जिंक ईडीटीए 12% एक पत्तियों पर छिड़काव है जिसे विभिन्न प्रकार की फसलों में जिंक की कमी को दूर करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें 12% जिंक ईडीटीए-चीलेटेड रूप में होता है, जो पौधों में जिंक की उपलब्धता को बढ़ाकर उनकी वृद्धि, प्रकाश संश्लेषण और मेटाबोलिक कार्यों का समर्थन करता है।
कार्य सामग्री:
जिंक ईडीटीए 12%
विशेषताएँ और लाभ:
जिंक सूक्ष्म पोषक तत्व उर्वरक जिंक ईडीटीए 12%
धान, कपास, मिर्च, गन्ना, सब्जियाँ, मक्का, मूँगफली, बागवानी फसलों में उपयोग हेतु।
कात्यायनी जिंक सूक्ष्म पोषक उर्वरक:
जिंक ऑक्सीडाइजिंग एंजाइम्स का सक्रियक है और महत्वपूर्ण ग्रोथ हार्मोन के संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
जिंक का पौधों में क्लोरोफिल निर्माण, प्रकाश संश्लेषण और मेटाबोलिक व ऊर्जा प्रक्रियाओं पर बड़ा प्रभाव होता है।
देश की अधिकांश फसलों और मिट्टी में जिंक की कमी सामान्य है।
जिंक की कमी के कारण फसलों की वृद्धि रुक जाती है, वृद्धि की अवधि बढ़ जाती है, और उत्पादन कम होता है।
जिंक की कमी को कात्यायनी का उपयोग करके आसानी से ठीक किया जा सकता है।
कात्यायनी, जो कि चीलेटेड रूप में है, यह सुनिश्चित करता है कि जिंक पूरी तरह से पौधे द्वारा उपयोग किया जा सके और मिट्टी में स्थिर न हो।
कात्यायनी एनपीके उर्वरकों की प्रभावशीलता को बढ़ाता है और सभी मौसमों और मिट्टी में आसानी से अवशोषित होता है, और यह पानी में पूरी तरह से घुल जाता है।
कार्य प्रणाली:
चीलेटेड जिंक का रूप उच्च जैव उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जिससे जिंक मिट्टी में स्थिर नहीं होता और पौधे इसे आसानी से अवशोषित कर पाते हैं।
यह ऑक्सीडाइजिंग एंजाइम्स को सक्रिय करता है, ग्रोथ हार्मोन के संश्लेषण को उत्तेजित करता है, और क्लोरोफिल निर्माण को बढ़ावा देता है।
फसलें:
धान, कपास, मिर्च, गन्ना, सब्जियाँ, मक्का, मूँगफली, बागवानी फसलें आदि।
उपयोग की मात्रा:
100 ग्राम कात्यायनी को 150-200 लीटर पानी में घोलकर एक एकड़ फसल के दोनों ओर पत्तियों पर छिड़काव करें।
जिंक की कमी की गंभीरता और फसल की प्रकृति के अनुसार खुराक बढ़ाई जा सकती है या छिड़काव को दोहराया जा सकता है।
पता चुनें: Bhopal, MADHYA PRADESH, 462016
E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
मूल पता: E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016