विवरण
कात्यायनी मेटा-मैन्को (मेटालैक्सिल 8% + मैन्कोज़ेब 64% डब्ल्यूपी)
कात्यायनी मेटा-मैन्को एक रासायनिक कवकनाशी है जिसमें 8% मेटालैक्सिल और 64% मैंकोज़ेब की सांद्रता है, जो वेटेबल पाउडर (डब्ल्यूपी) रूप में तैयार किया गया है। यह कवकनाशी प्रणालीगत और संपर्क क्रिया के माध्यम से विभिन्न कवकजनित रोगों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करता है, जिससे RNA और तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ता है। यह विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए उपयुक्त है और विभिन्न कवकजनित रोगों जैसे मृदुरोमिल आसिता, प्रारंभिक और देर से झुलसा, सड़न, जंग, और अन्य कवक रोगों के विरुद्ध प्रभावी है।
मुख्य लाभ:
व्यापक स्पेक्ट्रम कवकनाशी: मेटालैक्सिल की प्रणालीगत क्रिया और मैंकोज़ेब की संपर्क क्रिया का संयोजन है।
अंदर से बाहर सुरक्षा: मेटालैक्सिल पौधे के अंदर प्रवेश करता है और कवक रोगों को नियंत्रित करता है, जबकि मैंकोज़ेब पौधे की सतह पर कवक की बीजाणुओं के अंकुरण को रोकता है।
बारिश प्रतिरोधी: डब्लूपी रूप में होने के कारण यह बारिश के बाद भी प्रभावी रहता है, जिससे भारी बारिश के बाद भी कार्य करता है।
लक्ष्य रोग:
मृदुरोमिल आसिता
प्रारंभिक झुलसा
पांव सड़न
सफेद जंग
डेम्पिंग ऑफ
पत्ते के धब्बे
पांव के धब्बे
अन्य कई कवक रोग
लक्ष्य फसलें:
अंगूर
आलू
काली मिर्च
सरसों
मिर्च
अनार
अन्य फल और सब्जी फसलें
क्रियावली का तरीका:
मेटालैक्सिल: यह प्रणालीगत क्रिया के द्वारा कवक के RNA संश्लेषण में हस्तक्षेप करता है, जिससे इसके विकास और प्रजनन को रोकता है। पौधे द्वारा अवशोषित होने पर यह कवक रोगों को पौधे के अंदर भी नियंत्रित करता है।
मैंकोज़ेब: यह संपर्क कवकनाशी है। यह कवक के बीजाणुओं के अंकुरण को रोकने के अलावा, कवक के कोशिकाओं के भीतर विभिन्न जैव रासायनिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करता है, जिससे कवक के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
उपयोग की मात्रा:
आवेदन की विधि:
पहला छिड़काव: पौधों की पंक्तियों के बीच (प्रारंभिक झुलसा संक्रमण की संभावना होने पर)।
दूसरा छिड़काव: पहली छिड़काव के 10 से 14 दिन बाद।
तीसरा छिड़काव: दूसरी छिड़काव के 10 से 14 दिन बाद।
पता चुनें: Bhopal, MADHYA PRADESH, 462016
E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
मूल पता: E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016