विवरण
टेरोकार्पस सेंटालिनस - जिसे लाल चंदन के नाम से भी जाना जाता है, भारत में सबसे अच्छे गुणवत्ता वाले लाल चंदन के बीज (लाल चंदन के बीज) सबसे सस्ती कीमत पर उपलब्ध हैं। चूंकि लाल चंदन का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि फर्नीचर और औषधियों के निर्माण में, इस वृक्ष की मांग हर दिन बढ़ रही है।
विकास के लिए आवश्यकताएँ: बीजों को 6 से 7 घंटे की पूर्ण सूर्यप्रकाश, सामान्य तापमान और नियमित अंतराल पर संतुलित पानी की आवश्यकता होती है। बीजों का अंकुरण 15 से 40 दिनों के भीतर शुरू हो जाता है, और वृक्ष 8 से 10 मीटर तक या उससे भी अधिक ऊँचा हो सकता है।
वैज्ञानिक नाम: टेरोकार्पस सेंटालिनस
बीज विशेषताएँ
विशेषताएँ | विवरण |
नाम | लाल चंदन के बीज |
अन्य सामान्य नाम | लाल सैंडर्स बीज, रूबीवुड बीज, संतल रूज, लाल चंदन के पेड़ के बीज |
अंकुरण समय | 15 से 40 दिन या अधिक |
कटाई का समय | फरवरी से मई |
औसत ऊँचाई | 10 से 30 मीटर |
रंग | गहरा लाल |
विशेषताएँ और लाभ: टेरोकार्पस सेंटालिनस, जिसे लाल सैंडलवुड (Red Sanders) के नाम से भी जाना जाता है, भारत का मूल निवासी है और इसका उपयोग औषधीय और स्वास्थ्य उपचार में किया जाता है।
लाल चंदन की लकड़ी का उपयोग नक्काशी, फर्नीचर, खंभे और घर के खंभों के निर्माण में किया जाता है।
“लहराती” अनोखी लकड़ी की किस्म को इसके ध्वनिक गुणों के लिए अत्यधिक मूल्यवान माना जाता है और इसे संगीत वाद्ययंत्र बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
1 किलोग्राम लाल चंदन के बीज में लगभग 900 से 1250 बीज होते हैं।
इसका अंकुरण प्रतिशत 60 से 70% होता है।
औषधीय लाभ: लाल चंदन का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है।
यह घावों का इलाज करने में मदद करता है।
यह सूजन को कम करने में उपयोगी है।
यह खांसी को ठीक करता है और ऊर्जा को बढ़ाता है।
यह मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में भी सहायक है।
चंदन को अक्सर औषधियों में उपयोग किया जाता है।
यह पाचन समस्याओं और द्रव प्रतिधारण को नियंत्रित करता है।
बीज आवश्यकताएँ:
आवश्यकताएँ | विवरण |
मौसम | बारहमासी |
मिट्टी | अच्छी तरह से पानी निकासी वाली और उपजाऊ मिट्टी |
सूर्यप्रकाश | पूर्ण सूर्यप्रकाश |
तापमान | 25 से 30°C |
पानी | सप्ताह में दो बार |
खाद | जैविक और एनपीके खाद |
लाल चंदन के पेड़ के बीज कैसे बोएं?
लाल चंदन के बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें और फिर उन्हें सूर्यप्रकाश में सुखा लें।
उपजाऊ मिट्टी तैयार करें और इसे लाल मिट्टी, बालू और खाद से मिलाएं।
बीजों को 10 से 15 फीट की दूरी पर बोएं।
पौधों की वृद्धि और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पानी और जैविक खाद डालें।
अब कुछ दिनों तक अंकुरण की प्रक्रिया देखने के लिए इंतजार करें।
लाल चंदन के पेड़ के बीजों का अंकुरण 15 से 40 दिनों के भीतर होता है, और यह पेड़ परिपक्व होने में 10 से 15 साल ले सकता है।
नोट: चंदन के पेड़ की परजीवी जड़ प्रणाली को सहारा देने के लिए, आपको सहायक पेड़ों को लगाना होगा।
आप रास्पबेरी जैम पेड़, रॉक शियोक, और मुल्गा पेड़ को सहायक पौधों के रूप में लगा सकते हैं।
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12-7 Venketa Kirupa Illam, Selvam Nagar, Coimbatore, Tamil nadu 641041
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