विवरण
सन बायो पोटाश में मौजूद बैक्टीरिया जब मिट्टी में डाले जाते हैं, तो वे सक्रिय हो जाते हैं और मिट्टी के कार्बन स्रोत या पौधों की जड़ों के उत्सर्जन का उपयोग करके गुणा करते हैं। इस प्रक्रिया में, ये कार्बनिक अम्ल और एंजाइम स्रावित करते हैं। Frateuria aurantia नामक बैक्टीरिया कार्बनिक अम्ल और एंजाइम उत्पन्न करता है, जो स्थिर पोटाश को अविनियम रूप में घोलने में मदद करता है, जिससे पौधे इसे अवशोषित कर सकते हैं।
उपयोग की मात्रा और विधि:
बीज/पौधों का उपचार (प्रति किलोग्राम): 10 मिली सन बायो पोटाश को ठंडी गुड़ की घोल में मिलाकर बीज की सतह पर समान रूप से लगाएं। उपचारित बीज को छांव में सूखा लें और उसी दिन बुवाई करें।
पौधों का उपचार: 10 मिली सन बायो पोटाश को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों की जड़ों को 5-10 मिनट तक डुबोकर रोपण से पहले उपचारित करें।
मिट्टी में उपयोग (प्रति एकड़): 1 लीटर सन बायो पोटाश को 50-100 किलोग्राम अच्छी तरह से विघटित खाद या केक में मिलाकर नम मिट्टी पर समान रूप से फैलाएं।
ड्रेंचिंग: 5-10 मिली सन बायो पोटाश को 1 लीटर पानी में मिलाकर जड़ क्षेत्र के पास ड्रेंचिंग करें।
फर्टिगेशन (प्रति एकड़): 1-2 लीटर सन बायो पोटाश को पानी में मिलाकर ड्रिप सिस्टम के जरिए जड़ क्षेत्र में लागू करें।
उपयुक्त फसलें:
अनाज, मोटे अनाज, दलहन, तिलहन, रेशा फसलें, चीनी फसलें, चारा फसलें, बागवानी फसलें, सब्जियां, फल, मसाले, फूल, औषधीय फसलें, सुगंधित फसलें, बगान और सजावटी पौधे।
पता चुनें: Nashik, MAHARASHTRA, 422206
604/1, Jaulke- Janori Road, Tal. Dindori, Dist. Nashik, Nashik, Maharashtra 422206
मूल पता: 604/1, Jaulke- Janori Road, Tal. Dindori, Dist. Nashik, Nashik, Maharashtra 422206
विवरण
सन बायो पोटाश में मौजूद बैक्टीरिया जब मिट्टी में डाले जाते हैं, तो वे सक्रिय हो जाते हैं और मिट्टी के कार्बन स्रोत या पौधों की जड़ों के उत्सर्जन का उपयोग करके गुणा करते हैं। इस प्रक्रिया में, ये कार्बनिक अम्ल और एंजाइम स्रावित करते हैं। Frateuria aurantia नामक बैक्टीरिया कार्बनिक अम्ल और एंजाइम उत्पन्न करता है, जो स्थिर पोटाश को अविनियम रूप में घोलने में मदद करता है, जिससे पौधे इसे अवशोषित कर सकते हैं।