विवरण
कात्यायनी वेसिक्युलर आर्बुसक्युलर माइकोराइज़ा (वाम) एक पर्यावरण के अनुकूल जैविक उर्वरक है, जो तरल रूप में उपलब्ध होता है और पौधों की उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। यह लाभकारी कवक पौधों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध स्थापित करता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण और पौधों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
संयोजन:
लाभ:
वेविकुलर आर्बुसक्युलर माइकोराइज़ा (वाम) के उपयोग से कई फायदे होते हैं:
जड़ों की वृद्धि में सुधार: जड़ों का विकास और पौधों की समग्र जीवन शक्ति बढ़ाता है।
तनाव प्रतिरोध: सूखा और रोगों जैसी तनावपूर्ण स्थितियों से पौधों को उबरने में मदद करता है।
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करता है: यह कवक पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।
बायोमास वृद्धि: पौधों में अधिक बायोमास उत्पादन को बढ़ावा देता है।
मिट्टी की संरचना में सुधार: मिट्टी की स्थिरता और हवा संचरण को बेहतर बनाता है, जिससे पानी का बेहतर अवशोषण होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: पौधों की मिट्टी जनित रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
पानी अवशोषण: मायकोराइज़ा जड़ों के बालों को समर्थन करता है, जिससे पानी अवशोषण में सुधार होता है, खासकर सूखा पड़ने पर।
कार्यविधि:
आवेदन के बाद, वाम कवक मिट्टी से फास्फोरस, नाइट्रोजन, सल्फर और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाते हैं। वे पौधों की जड़ों के साथ मिलकर मिट्टी में फैलते हैं, जिससे पौधों की उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरता दोनों में सुधार होता है। यह कवक पौधों को पानी तनाव से निपटने में भी मदद करता है।
लक्षित फसलें:
धान
गेहूं
नारियल
केला
गन्ना
इलायची
चाय
कॉफी
काली मिर्च
अनाज
दलहन: मटर, सेम, सोयाबीन, चना, मूंग दाल, आदि
सब्जियाँ: हल्दी, कपास, और कई अन्य
उपयोग की मात्रा:
आवेदन विधियाँ:
बीज उपचार: प्रति किलोग्राम बीज में 8 मिलीलीटर।
मिट्टी में आवेदन: प्रति एकड़ 5 - 10 लीटर वाम।
बूंद से सिंचाई: प्रति लीटर पानी में 10 मिलीलीटर।
पता चुनें: Bhopal, MADHYA PRADESH, 462016
E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
मूल पता: E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
विवरण
कात्यायनी वेसिक्युलर आर्बुसक्युलर माइकोराइज़ा (वाम) एक पर्यावरण के अनुकूल जैविक उर्वरक है, जो तरल रूप में उपलब्ध होता है और पौधों की उत्पादकता और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। यह लाभकारी कवक पौधों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध स्थापित करता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण और पौधों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।