विवरण
कात्यायनी ड्यू एक WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा प्री-क्वालिफाइड कीटनाशक है, जिसे स्थानछिड़कावके रूप में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। यह एफफास्ट (फिल्म-फॉर्मिंग ऐक्वियस सस्पेंशन टेक्नोलॉजी) नामक उन्नत सूत्रीकरण तकनीक का उपयोग करता है। यह नवाचारी उत्पाद मच्छरों की जनसंख्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है, जबकि पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालता है।
प्रमुख विशेषताएँ:
सक्रिय घटक: डेल्टामेथ्रिन 2% ईडब्ल्यू
सूत्रीकरण: पानी आधारित सस्पेंशन सांद्रण
प्री-क्वालिफिकेशन: WHO द्वारा स्थानछिड़कावअनुप्रयोगों के लिए अनुमोदित
पर्यावरणीय प्रभाव: डीजल की आवश्यकता को समाप्त करता है, प्रदूषण औरछिड़कावलागत को कम करता है
लाभ:
दीर्घकालिक प्रभावशीलता: एफफास्ट तकनीक वाष्पीकरण का प्रतिरोध करती है, जिससे बूँदें हवा में लंबी देर तक बनी रहती हैं, जिससे मच्छरों के संपर्क में आने का समय बढ़ता है।
कम मात्रा में प्रभावी नियंत्रण: प्रभावी नियंत्रण के लिए बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है, जिससे यह किफायती बनता है।
जैविक रूप से विघटित: पर्यावरण में कोई संचयन नहीं होता, जिससे गैर-लक्ष्य जीवों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
अग्निरोधक: विभिन्न वातावरणों में उपयोग के लिए सुरक्षित।
कार्यप्रणाली:
संपर्क कीटनाशक: स्पिनोसैड संपर्क और सेवन के माध्यम से कार्य करता है, कीटों के सामान्य तंत्रिका कार्य में विघटन करता है, जिससे पक्षाघात और मृत्यु होती है।
तंत्रिका तंत्र में विघटन: पाइरेथ्रॉयड्स, जिनमें डेल्टामेथ्रिन शामिल हैं, तंत्रिका संकेतों के उत्पादन और संचलन में हस्तक्षेप करते हैं, जिससे कीटों के तंत्रिका तंत्र में सोडियम आयन चैनल प्रभावित होते हैं।
अनुशंसित उपयोग:
मात्रा अनुशंसा:
यूएलवी (अल्ट्रा लो वॉल्यूम) फॉगिंग:
50 मिली कात्यायनी ड्यू को 1 लीटर पानी में घोलें ताकि 1 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जा सके।
पता चुनें: Bhopal, MADHYA PRADESH, 462016
E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
मूल पता: E-7 MIG 539 Arera Colony, Bopal, Madhya Pradesh 462016
विवरण
कात्यायनी ड्यू एक WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा प्री-क्वालिफाइड कीटनाशक है, जिसे स्थानछिड़कावके रूप में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। यह एफफास्ट (फिल्म-फॉर्मिंग ऐक्वियस सस्पेंशन टेक्नोलॉजी) नामक उन्नत सूत्रीकरण तकनीक का उपयोग करता है। यह नवाचारी उत्पाद मच्छरों की जनसंख्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है, जबकि पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालता है।