विवरण
अमृत एसएमसी में पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सूक्ष्मजीव होते हैं, जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फास्फोरस घोलने वाले बैक्टीरिया, जो पौधों के लिए फास्फोरस उपलब्ध कराते हैं (10-15 किग्रा प्रति हेक्टेयर), और पोटाश घोलने वाले जीवाणु शामिल हैं, जो कई कार्बनिक अम्लों का स्राव करते हैं और पोटाश को पौधों के लिए उपलब्ध कराते हैं (30-40 किग्रा प्रति हेक्टेयर)। इस प्रकार यह रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को 30% तक कम कर देता है।
लाभ:
गन्ने के पौधों को वृद्धि और विकास के लिए नाइट्रोजन की अधिक आवश्यकता होती है।
रोपाई से पहले अमृत एसएमसी का उपयोग उर्वरक की मात्रा को काफी हद तक कम कर देता है, बिना फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव डाले।
अमृत एसएमसी आवश्यक पोषक तत्वों को उपलब्ध रूप में प्रदान करता है और मिट्टी की कठोरता को कम करता है, जिससे मिट्टी की छिद्रता और पानी धारण क्षमता बढ़ती है।
उपरोक्त सभी लाभकारी कारणों से फसल की पैदावार 10-20% तक बढ़ सकती है।
प्रयोग विधि:
तना उपचार: 500 मि.ली. अमृत एसएमसी को 1 लीटर पानी में मिलाकर, इस घोल में आवश्यक तनों को 20-30 मिनट के लिए डुबोकर रोपाई से पहले लगाएं।
मिट्टी उपचार: 1 एकड़ में 5 लीटर अमृत एसएमसी को ड्रिप/वेंट्यू के माध्यम से लागू करें।
पता चुनें: Holalkere, KARNATAKA, 577531
Amruth organic fertilizers, Malladihalli Post, Holalkere Taluk, Chitradurga District, Karnataka 577531
मूल पता: Amruth organic fertilizers, Malladihalli Post, Holalkere Taluk, Chitradurga District, Karnataka 577531
विवरण
अमृत एसएमसी में पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सूक्ष्मजीव होते हैं, जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फास्फोरस घोलने वाले बैक्टीरिया, जो पौधों के लिए फास्फोरस उपलब्ध कराते हैं (10-15 किग्रा प्रति हेक्टेयर), और पोटाश घोलने वाले जीवाणु शामिल हैं, जो कई कार्बनिक अम्लों का स्राव करते हैं और पोटाश को पौधों के लिए उपलब्ध कराते हैं (30-40 किग्रा प्रति हेक्टेयर)। इस प्रकार यह रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को 30% तक कम कर देता है।